प्रिय भक्तजन, जय श्री राम ! सर्वप्रथम, मैं अपने समस्त आगंतुकों का हार्दिक स्वागत करता हूँ और उनकी कुशलता एवं समृद्धि की कामना करता हूँ। प्रभु श्री राम के दिव्य आशीर्वाद से आपके जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि बनी रहे।
श्री रामचंद्र कृपालु भज मन, हरण भव भय दारुणम्।
नव कंज-लोचन कंज-मुख, कर कंज पद कंजारुणम्।
भगवान श्री राम, जो धर्म, मर्यादा और सत्य के प्रतीक हैं, उनकी आराधना से हमें जीवन में सही मार्गदर्शन, शांति और संतोष प्राप्त होता है। श्री राम चालीसा का पाठ करने से हमारे जीवन के सभी कष्ट और विघ्न दूर होते हैं और हमें आत्मिक शक्ति और स्थिरता प्राप्त होती है।
आइये, हम सब मिलकर श्री राम चालीसा का पवित्र पाठ करें और भगवान श्री राम के आशीर्वाद से अपने जीवन को धन्य बनाएं।
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॥ चौपाई ॥
श्री रघुबीर भक्त हितकारी ।
सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी ॥
निशि दिन ध्यान धरै जो कोई ।
ता सम भक्त और नहिं होई ॥
ध्यान धरे शिवजी मन माहीं ।
ब्रह्मा इन्द्र पार नहिं पाहीं ॥
दूत तुम्हार वीर हनुमाना।
जासु प्रभाव तिहुं पुर जाना।।4
जय, जय, जय रघुनाथ कृपाला।
सदा करो संतन प्रतिपाला।।
तुव भुजदण्ड प्रचण्ड कृपाला।
रावण मारि सुरन प्रतिपाला।।
तुम अनाथ के नाथ गोसाईं।
दीनन के हो सदा सहाई।।
ब्रह्मादिक तव पार न पावैं।
सदा ईश तुम्हरो यश गावैं।।
चारिउ भेद भरत हैं साखी।
तुम भक्तन की लज्जा राखी।।
गुण गावत शारद मन माहीं।
सुरपति ताको पार न पाहिं।।
नाम तुम्हार लेत जो कोई।
ता सम धन्य और नहीं होई।।
राम नाम है अपरम्पारा।
चारिहु वेदन जाहि पुकारा।।
गणपति नाम तुम्हारो लीन्हो।
तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हो।।
शेष रटत नित नाम तुम्हारा।
महि को भार शीश पर धारा।।
फूल समान रहत सो भारा।
पावत कोऊ न तुम्हरो पारा।।
भरत नाम तुम्हरो उर धारो।
तासों कबहूं न रण में हारो।।
नाम शत्रुहन हृदय प्रकाशा।
सुमिरत होत शत्रु कर नाशा।।
लखन तुम्हारे आज्ञाकारी।
सदा करत सन्तन रखवारी।।
ताते रण जीते नहिं कोई।
युद्ध जुरे यमहूं किन होई।।
महालक्ष्मी धर अवतारा।
सब विधि करत पाप को छारा।।
सीता राम पुनीता गायो।
भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो।।
घट सों प्रकट भई सो आई।
जाको देखत चन्द्र लजाई।।
जो तुम्हरे नित पांव पलोटत।
नवो निद्धि चरणन में लोटत।।
सिद्धि अठारह मंगलकारी।
सो तुम पर जावै बलिहारी।।
औरहु जो अनेक प्रभुताई।
सो सीतापति तुमहिं बनाई।।
इच्छा ते कोटिन संसारा।
रचत न लागत पल की बारा।।
जो तुम्हरे चरणन चित लावै।
ताकी मुक्ति अवसि हो जावै।।
सुनहु राम तुम तात हमारे।
तुमहिं भरत कुल पूज्य प्रचारे।।
तुमहिं देव कुल देव हमारे।
तुम गुरु देव प्राण के प्यारे।।
जो कुछ हो सो तुमहिं राजा।
जय जय जय प्रभु राखो लाजा।।
राम आत्मा पोषण हारे।
जय जय जय दशरथ के प्यारे।।
जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरुपा।
नर्गुण ब्रहृ अखण्ड अनूपा।।
सत्य सत्य जय सत्यव्रत स्वामी।
सत्य सनातन अन्तर्यामी।।
सत्य भजन तुम्हरो जो गावै।
सो निश्चय चारों फल पावै।।
सत्य शपथ गौरीपति कीन्हीं।
तुमने भक्तिहिं सब सिधि दीन्हीं।।
ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरुपा।
नमो नमो जय जगपति भूपा।।
धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा।
नाम तुम्हार हरत संतापा।।
सत्य शुद्ध देवन मुख गाया।
बजी दुन्दुभी शंख बजाया।।
सत्य सत्य तुम सत्य सनातन।
तुम ही हो हमरे तन-मन धन।।
याको पाठ करे जो कोई।
ज्ञान प्रकट ताके उर होई।।
आवागमन मिटै तिहि केरा।
सत्य वचन माने शिव मेरा।।
और आस मन में जो होई।
मनवांछित फल पावे सोई।।
तीनहुं काल ध्यान जो ल्यावै।
तुलसी दल अरु फूल चढ़ावै।।
साग पत्र सो भोग लगावै।
सो नर सकल सिद्धता पावै।।
अन्त समय रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि भक्त कहाई।।
श्री हरिदास कहै अरु गावै।
सो बैकुण्ठ धाम को पावै।।
॥ दोहा ॥
सात दिवस जो नेम कर पाठ करे चित लाय ।
हरिदास हरिकृपा से अवसि भक्ति को पाय ॥
राम चालीसा जो पढ़े रामचरण चित लाय ।
जो इच्छा मन में करै सकल सिद्ध हो जाय ॥
श्री राम चालीसा का परिचय
श्री राम, जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से भी जाना जाता है, भगवान विष्णु के सातवें और सबसे लोकप्रिय अवतार हैं। उनके जीवन की कहानी और उनकी शिक्षाएं भारतीय संस्कृति का मूल आधार रही हैं। श्री राम का जन्म अयोध्या के सूर्यवंशी राजा दशरथ और महारानी कौशल्या के पुत्र के रूप में हुआ था। वे माता सीता के पति और लक्ष्मण, भरत, और शत्रुघ्न के भाई थे। श्री राम को आदर्श पुरुष माना जाता है, जिन्होंने अपने जीवन में सत्य, धर्म और मर्यादा का पालन किया।
श्री राम का जीवन महाकाव्य रामायण में विस्तार से वर्णित है, जिसे महर्षि वाल्मीकि ने लिखा। उनके जीवन की घटनाएं जैसे कि माता सीता का अपहरण, लंका पर विजय, और रावण का वध, भारतीय पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। श्री राम का जीवन और उनके कार्य आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
उनकी जीवन गाथा से जुड़े प्रमुख त्यौहारों में राम नवमी, दशहरा, और दीपावली शामिल हैं। राम नवमी उनके जन्म का पर्व है, जबकि दशहरा रावण पर उनकी विजय का प्रतीक है। दीपावली वह दिन है जब श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।
श्री राम के आदर्श जीवन ने उन्हें केवल भारत में ही नहीं, बल्कि नेपाल, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों में भी आदर्श पुरुष के रूप में प्रतिष्ठित किया है। भारतीय समाज में आज भी राम के नाम का उच्चारण ‘राम राम’ या ‘जय श्री राम’ के रूप में अभिवादन के लिए किया जाता है।
श्री राम की पूजा और उनके जीवन का अनुकरण हिंदू धर्म में उच्चतम आदर्शों को स्थापित करता है, जिससे वे आज भी लाखों लोगों के लिए मार्गदर्शक बने हुए हैं।
श्री राम चालीसा पढ़ने की विधि
श्री राम चालीसा का पाठ करने के लिए कोई विशेष विधि नहीं है। आप इसे किसी भी समय, किसी भी जगह पर पढ़ सकते हैं। हालांकि, सुबह के समय या शाम को दीपक जलाकर भगवान राम की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर पाठ करना अधिक फलदायी माना जाता है।
- शांति और एकाग्रता: पाठ करते समय मन को शांत रखें और भगवान राम पर ध्यान केंद्रित करें।
- शुद्ध मन: शुद्ध मन से पाठ करना चाहिए।
- विश्वास: भगवान राम पर अटूट विश्वास रखें।
श्री राम चालीसा का महत्त्व
श्री राम चालीसा का पाठ करने से मन शांत होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यह व्यक्ति को साहस और शक्ति प्रदान करता है। राम चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
श्री राम चालीसा के लाभ
- संकटों से मुक्ति: राम चालीसा का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को जीवन में आने वाले सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है।
- शत्रुओं का नाश: यह शत्रुओं का नाश करने और बुरी नजर से रक्षा करने में मदद करता है।
- साहस और शक्ति: राम चालीसा व्यक्ति को साहस और शक्ति प्रदान करता है।
- मन की शांति: यह मन को शांत करता है और तनाव को कम करता है।
- धन और समृद्धि: राम चालीसा धन और समृद्धि लाने में भी मदद करता है।
निष्कर्ष
श्री राम चालीसा एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली स्तोत्र है। इसका नियमित पाठ करने से व्यक्ति को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यदि आप अपने जीवन में सुख, शांति और सफलता चाहते हैं, तो आप श्री राम चालीसा का पाठ अवश्य करें।
ध्यान दें: किसी भी धार्मिक ग्रंथ का पाठ करते समय, उस ग्रंथ के अर्थ को समझने का प्रयास करना चाहिए। श्री राम चालीसा का पाठ करते समय, भगवान राम के गुणों और उनके प्रति श्रद्धाभाव रखना महत्वपूर्ण है।